पति-पत्नी ने प्रॉपर्टी के नाम पर 10 लोगों से की करोड़ों की धोखाधड़ी, पुलिस जांच में जुटी......!

-दंपत्ति ने 15 करोड़ रुपए की ठगी की, इनकी फर्म में काम करने वालों का वेतन नहीं मिला........! 

देवास। शहर में एक चौंकाने वाला प्रॉपर्टी घोटाला सामने आया है, जिसमें आरोपी ने बैंक नीलामी की संपत्तियों को दिलवाने के नाम पर 10 लोगों के साथ ठगी करते हुए करोड़ों रुपए ऐंठ लिए और रुपए लेकर फरार हो गया। पुलिस ने मामले में आरोपी की पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी के बड़े भाई को भी पूछताछ करने के लिए थाने पर बैठाया है। पुलिस ने फरियादी की रिपोर्ट पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया है। संभावनाएं है कि इस प्रकरण में और भी कई ठगे गए फरियादी सामने आ सकते हैं। 

जानकारी के अनुसार आनंद देवकर व उनकी पत्नी रुपाली देवकर निवासी मुखर्जी नगर ने 10 लोगों के साथ कथित तौर पर 15 से 20 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की थी। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब फरियादी अश्विन यादव ने सिविल लाइन थाने पर पति-पत्नी के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कुछ दिन पहले इंदौर जिले के सिमरोल के पास आनंद की कार और मोबाइल लावारिस हालत में मिले, लेकिन आरोपी का कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस को शक है कि ठगी के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए आनंद ने यह नाटक रचा हो सकता है। कार और मोबाइल की जांच जारी है, लेकिन इसमें कोई हिंसा या दुर्घटना के निशान नहीं मिले है। पुलिस ने व्हाट्सऐप चैट, डीडी स्कैन और बैंक स्टेटमेंट जब्त कर लिए हैं। फरियादी अश्विन यादव की शिकायत पर पुलिस ने बीएनएस की धारा 3 (5), 318 (4), 363 (3), 338, 340 (2), 61 (2) के तहत अपराध दर्ज कर आनंद की पत्नी रुपाली देवकर और बड़े भाई को गिरफ्तार कर लिया व प्रकरण की विवेचना शुरु कर दी है। 

फर्म में काम करने वालों का वेतन भी नहीं दिया 

आरोपी आनंद दो फर्म देवास में संचालित करता था, जिसमें ‘इंदौर टोटल सॉल्यूशन’ व ‘इंदौर टोटल सॉल्यूशन एलएलपी’ के नाम से रजिस्टर्ड है। इसमें काम करने वाले 5 युवा है जिनका वेतन करीब 3 माह से दिया नहीं गया था। उन्हें भी पुलिस ने पूछताछ के लिए थाने पर बुलाया था। उन्होनें बताया कि वे यहां पर करीब दो साल से काम कर रहे थे। जिनमें करीना सोलंकी, आयुष परिहार, काजल जाट, देवेंद्र राणावत, राहुल भन्नारे पांचों कालानी बाग स्थित फर्म के ऑफिस में काम करते थे। इन्होनें बताया कि आनंद इंदौर और उज्जैन में भी उसकी फर्म संचालित करता है। देवास के ऑफिस में ताला लगा हुआ है। 

15 सालों का भरोसा टूटा 

फरियादी अश्विन यादव ने रिपोर्ट लिखाई की वे 15 साल से आनंद देवकर को जानते हैं। आनंद स्टाफ वेंडर का काम करता है और उसकी फर्म ‘इंदौर टोटल सॉल्यूशन’ व ‘इंदौर टोटल सॉल्यूशन एलएलपी’ के नाम से रजिस्टर्ड है, जिसमें उसकी पत्नी रुपाली पार्टनर है। 20 सितंबर को अश्विन को एचडीएफसी बैंक, इंदौर से अपने घर को बंधक रखकर 35 लाख रुपये का लोन मिला। इस खुशी में वे उसी दिन दोपहर 4 बजे आनंद के मुखर्जी नगर स्थित घर गए। वहां आनंद और रुपाली ने लोन की राशि को बिजनेस में निवेश करने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि रुपाली के पिता अनिल नलगे मुंबई में प्रॉपर्टी का काम करते हैं और उनके पास बैंक नीलामी की कई संपत्तियां हैं। आनंद ने अपने मोबाइल पर संपत्तियों के फोटो और वीडियो दिखाए। विश्वास में आकर अश्विन ने मुंबई के साकीनाका में कथित 150 फ्लैट्स में निवेश का फैसला किया। आनंद ने सुझाव दिया कि एक भागीदारी फर्म बनाकर उनकी फर्म के जरिए शॉर्ट टर्म निवेश करें, जिससे ज्यादा मुनाफा होगा। मामले को लेकर जांच में फर्म की वैधता और मुंबई में अनिल नलगे की भूमिका की पड़ताल भी की जा रही है।

16 लाख 53 हजार रुपए की ठगी, फर्जी डीडी निकले

आनंद ने अपनी फर्म के एयू बैंक खाते में 4-5 बार में अश्विन से 16 लाख 53 हजार रुपये ट्रांसफर करवाए। इसके बाद और निवेश का दबाव बनाया। आनंद ने अश्विन के मोबाइल नंबर पर अपने नंबर से 7 डीडी (4 एयू बैंक और 3 आईसीआईसीआई बैंक) व्हाट्सऐप किए, साथ ही बैंक का सेल लेटर भी भेजा। आनंद ने दावा किया कि इन पैसों से नीलामी में प्रॉपर्टी खरीदी गई है। जब अश्विन ने मुनाफे के बारे में पूछा, तो आनंद टालमटोल करने लगा। शक होने पर अश्विन ने डीडी के प्रिंटआउट निकाले और एयू बैंक, देवास में जांच की, जहां सभी डीडी फर्जी निकले। गुस्से में वे आनंद के घर गए, लेकिन वह नहीं मिला। रुपाली ने कहा कि उनके पिता मुंबई में प्रॉपर्टी बेचकर पैसे लौटाएंगे, लेकिन कोई भुगतान नहीं हुआ।

15 करोड़ से ज्यादा का घोटाला

आनंद ने अपने बैंक खाते में जमा दिखाकर पीडि़तों को ठगा। अनुमान के अनुसार, वास्तविक ठगी की राशि 15 करोड़ रुपये से अधिक है। आनंद और रुपाली ने 9 अन्य लोगों के साथ भी ऐसी ही ठगी की, जिनसे नकद और बैंक ट्रांसफर के जरिए रकम ऐंठी गई। फर्जी डीडी और नीलामी संपत्तियों का झांसा देकर लोगों को फर्म में पार्टनरशिप का लालच दिया था।

आनंद के चक्कर में ये भी उलझे 

पीडि़तों में पप्पू पिता विष्णु चौधरी निवासी मेंढकीचक, सुनिल पिता गोपाल चौधरी निवासी मेंढकीचक, विनोद पिता ब्रदीलाल पटेल निवासी आवास नगर, सोहन पिता विक्रम चौधरी निवासी मेंढकीचक, दीपक पिता घनश्याम बोरले निवासी आदर्श कालोनी, चंदन पिता रामचरण गुप्ता निवासी मुखर्जी नगर, संजीव पिता राधेश्याम चौहान निवासी कृष्णपुरा, अमरिश पिता कमल यादव निवासी बजरंग नगर, हेमंत पिता ओंकारलाल पांचाल, निवासी ग्राम बीलावली है। 

मामले में विवेचना जारी है 

एडिशनल एसपी जयवीर सिंह भदौरिया ने बताया कि आनंद और उसकी पत्नी रुपाली ने आवेदकों से कहा था कि बैंक में आक्शन की जो संपत्ति आती है उसे कम किमत में दिलवा देंगे। फिलहाल मामले को लेकर विवेचना जारी है जल्द ही फरार आनंद को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 


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