दो अलग-अलग थानों की पुलिस ने सायबर व ऑनलाईन ठगों को किया गिरफ्तार.......!

-इंस्टाग्राम पर ऑनलाईन शापिंग के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले 6 आरोपी पुलिस गिरफ्त में......!
-टेलीग्राम पर ऑनलाइन ठगी कर धोखाधड़ी करने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार.......! 
-आरोपियों से 8 लाख रुपए से अधिक नगदी, एटीएम, सीम कार्ड, पासबुक सहित 5 मोबाइल जब्त......!

देवास। पुलिस ने दो अलग-अलग थानों के प्रकरणों का आज खुलासा किया, एक सोशल साईड इंस्टाग्राम पर पेज बनाकर साडिय़ों के साथ आभूषणों को बेचने का झांसा दिया जाता, ग्राहक जब ऑनलाईन भुगतान करते तो सामान भेजा नहीं जाता था। पुलिस ने इस मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं दूसरा मामला टेलीग्राम सोशल साईड पर लालच देकर व्यापार शुरु करने व ठगी को लेकर था, जिसमें फरियादी ने पुलिस के 1930 पर शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने मामला संज्ञान में लेकर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों मामलों को लेकर आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पुलिस अधीक्षक ने प्रेस वार्ता कर प्रकरणों का खुलासा किया।

पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोत ने बताया कि पहला प्रकरण कोतवाली थाना अंतर्गत है जिसमें ऑपरेशन फास्ट के अंतर्गत पूरे प्रदेश में फर्जी सीम कार्ड धारकों, विक्रेताओं और एजेंटो के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। इस अभियान के तहत 6 सायबर अपराध की शिकायतों को लेकर जांच के लिए निर्देशित किया गया था। कोतवाली थाना प्रभारी श्यामचंद्र शर्मा के नेतृव्य में एक टीम का गठन किया गया। टीम के द्वारा सायबर सेल भोपाल से प्राप्त शिकायतों के आधार पर संदिग्ध मोबाइल नंबरों की जांच की गई। उक्त नंबरों से जुड़े उपभोक्ता फार्मों के विश्लेषण में सामने आया कि ये सिम कार्ड वेंडर सुनील शिंदे निवासी नाथ मोहल्ला देवास द्वारा बेचे गए थे। पूछताछ में वेंडर ने बताया कि सिम कार्ड वैध दस्तावेजों पर बेचे गए थे, लेकिन आगे की जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। सिम धारक आकाश ठाकुर, लखन पाल और आकाश ताड़े ने स्वीकार किया कि उन्होंने ठगी करने के उद्देश्य से सिम कार्ड खरीदकर बैंक खातों का संचालन किया और उक्त खातों से संबंधित पासबुक, एटीएम कार्ड, चेकबुक व सिम कार्ड को प्रतीक शर्मा को सौंपा। प्रतीक शर्मा ने यह सभी दस्तावेज आशु पाठक को दिए, जिसने इन्हें मयंक कांकर निवासी मुरैना को 7 से 8 हजार रुपए में बेच दिया। इस मामले में मयंक कांकर से पूछताछ की गई उसने बताया कि इन सिम और बैंक दस्तावेजों का उपयोग कर इंस्टाग्राम पर दो फर्जी पेज साथ फेरे कलेक्शन, किंजल साड़ी और आभूषणों के नाम से बनाए थे। इन पेजों पर महिलाओं के वस्त्र और आभूषण बेचने का झांसा दिया जाता था। ग्राहक जब ऑनलाइन भुगतान करते, तो सामान भेजा नहीं जाता। इस तरह लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया।

टेलीग्राम पर सायबर ठगी हुई, 4 आरोपी गिरफ्तार 

जिले के हाटपिपलिया थाना क्षेत्र में 16 जुलाई को आवेदक हरीओम पाटीदार निवासी हाटपिपलिया ने सायबर फ्रॉड के जरिए 9 लाख 30 हजार 921 रुपए ठगे जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस को विवेचना में पता लगा कि अपराधियों ने टेलीग्राम पर ग्रुप बनाकर स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करवाकर अच्छा लाभ दिलवाने का लालच देकर किराये पर लिये गये बैंक खातों में फरियादी से राशि को डलवाई। तकनीकी साक्ष्यों को सुक्ष्मता से अध्ययन करते हुए पाया गया कि बैंक ऑफ बड़ौदा देवास शाखा के एक खाते में सायबर फ्रॉड की राशि ट्रांसफर की गई थी। पुलिस टीम ने तत्काल बैंक से संबंधित विवरण प्राप्त कर खाताधारक निखिल पिता विजय प्रताप सिंह निवासी लक्ष्मण नगर देवास को पुलिस अभिरक्षा में लेकर प्रारंभिक पूछताछ करने पर निखिल ने स्वीकार किया कि उसने अपना बैंक खाता राजस्थान के कुछ अज्ञात व्यक्तियों को किराये पर दे रखा था। अनावेदक निखिल द्वारा बताये बयान के आधार पर पुलिस ने राजस्थान के बीकानेर और जयपुर में रह रहे आरोपियों की पहचान कर देवास और जयपुर में समन्वित कार्रवाई करते हुए कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 8 लाख 56 हजार रुपए नगद, 16 एटीएम कार्ड, 12 सिम कार्ड, 5 पासबुक व 5 मोबाइल फोन जब्त किया है। उक्त आरोपियो में तीन आरोपी राजस्थान के व एक आरोपी देवास का निवासी है। अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि टेलीग्राम पर चैनल बनाकर ऑनलाईन ट्रेडिंग करवाकर लाभ अर्जित करवाने के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में राशि डलवाने वाले सायबर गिरोह के 4 आरोपियो को देवास व बीकानेर, जयपुर (राजस्थान) से गिरफ्तार किया है जिनमें राजेंद्र पिता रामलाल स्वामी उम्र 21 साल निवासी बीकानेर हाल मुकाम नंदगांव एवेन्यु जयपुर, रितेश पिता रामलाल स्वामी उम्र 25 साल निवासी बीकानेर हाल नंदगांव एवेन्यु जयपुर, विवेक पिता अजय कश्यप कुमार निवासी जयपुर, निखिल पिता विजय प्रताप सिंह निवासी लक्ष्मण नगर देवास है। 

पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोत ने बताया कि टेलीग्राम के माध्यम से लालच देकर रुपए फरियादी से लिए गए, लालच इस प्रकार से दिया कि एक साईड बिजनेस आपको करके देंगे। बहुत सारे प्रोडेक्ट उनको भेजे जाते थे जिन पर क्लीक कराने का लालच दिया जाता था, कि जितने नंबरों पर आप क्लीक करेंगे उतना अधिक रुपया आपके खाते में आएगा। वालेट में रुपया फरियादी को बड़े स्तर पर दिखाया जाता था। रजिस्ट्रेशन के नाम पर फरियादी से लाखों रुपयों की राशि ऐंठी थी।

घटिया किस्म का सामान देते या फिर नहीं देते थे

ऑपेरशन साइबर के तहत पुलिस लगातार लाखों, करोड़ों रुपयों की राशि होल्ड करवानेे के साथ-साथ रिफंड भी करा रही है। उसी तारतम्य में दो बड़े प्रकरणों का खुलासा पुलिस ने किया। इसमें पहला प्रकरण कोतवाली थाना अंतर्गत एक इंस्टाग्राम पेज बनाकर मुरैना का एक व्यक्ति जो साडिय़ों की शापिंग के बहाने कई लोगों से ठगी की थी। आर्डर की बुकिंग भी वह ले लेते थे। उसके बाद घटिया किस्म का सामान देते या फिर नहीं देते थे। ऐसे पुरे गैंग का पर्दाफाश हुआ है। जिसमें मूल आरोपी मयंक कांकड़ निवासी मुरैना है। मंयक ने देवास के आकाश ठाकुर, लखन पाल और आकाश ताड़े इन तीनों की सीम कार्ड और तीनों के बैंक खातों को ऑनलाईन ठगी में उपयोग किया था। पुलिस ने आकाश, लखन और आकाश ताड़े को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों आरोपियों ने प्रतीक शर्मा आशु पाठक निवासी देवास के माध्यम से सीम कार्ड और बैंक खातों को मयंक के पास पहुंचाया था। इस प्रकार से कुल 6 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इंस्टाग्राम पेज बनाकर ऑनलाईन शापिंग के नाम पर धोखाधड़ी के गिरोह का पर्दाफाश किया है।

साईड बिजनेस शुरु का लालच दिया था 

टेलीग्राम के माध्यम से एक साईड बिजनेस शुरु का लालच देकर हरीओम पाटीदार निवासी हाटपिपलिया के साथ 9 लाख 30 हजार 921 रुपए की धोखाधड़ी की जाने की शिकायत 1930 पर कराई थी। एनसीआर पोर्टल के माध्यम से 9 लाख 30 हजार मेें से करीब 50 हजार रुपए की राशि होल्ड की गई जो रिफंड की प्रोसेस में है। शेष राशि के लिए पुलिस आगे बढ़ी अपराध दर्ज किया और उसमें पता किया कि एक बैंक खाता बैंक ऑफ बडौदा देवास से ही खुला था। बैंक खाता धारक निखिल पिता विजय प्रताप सिंह निवासी देवास है। वर्तमान में यह जयपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। निखिल को पुलिस ने गिरफ्तार कर पूछताछ की, निखिल की पूछताछ के बाद पूरे प्रकरण का खुलासा हुआ। जयपुर के रहने वाले तीन अन्य आरोपी राजेंद्र पिता रामलाल, रितिक पिता रामलाल, विवेक अजय कश्यप तीनों जयपुर के निवासी है। इन चारों ने मिलकर साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दिया था। 50 हजार रुपए की राशि होल्ड हुई है बाकी की राशि 8 लाख 56 हजार रुपए की राशि चारों आरोपियों से बरामद हुई है। साइबर ठगी की संपूर्ण राशि पुलिस ने जब्त की है। इनसे व्यापक मात्रा में कई सारे फर्जी सीम कार्ड, एटीएम, चेकबुक, पासबुक मिले हैं। प्रकरण अभी विवेचना में है, पुलिस अभी तस्दीक कर रही है संभावना है कि और भी लोगों के साथ साइबर ठगी इन्होनेें की होगी। 

इनका रहा सराहनीय कार्य 

आरोपियों को पकडऩे में कोतवाली थाना प्रभारी श्यामचंद्र शर्मा, उनि जीवन भिंडोरे, प्रआर मनोज पटेल, सुनील देथलिया, रवि गरोडा, आर नवीन पटेल, मनीष देथलिया, सुजीत चौधरी व सायबर सेल टीम से प्रआर सचिन चौहान, शिवप्रताप सिंह सेंगर, आर मोनू राणावत का सराहनीय योगदान रहा। वहीं हाटपिपलिया थाने के मामले में थाना प्रभारी दीपक यादव, उनि चिन्तामण चौहान, लोकेश कुशवाह, सउनि मनोज पटेल, आर दीपक कुशवाह, विकास राजावत, रोहित दसोरिया, निलेश परिहार व सायबर सेल टीम से महिला प्रआर गीतिका कानूनगो, प्रआर सचिन चौहान, शिवप्रताप सिंह सेंगर का सराहनीय योगदान रहा। 

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