कक्षा 1 के बच्चे को दो का पहाड़ा न आने पर प्राचार्य ने प्लास्टिक के पाइप से पीटा......!
-प्राचार्य ने इस तरह बर्बरता से पीटा कि बच्चे के पांव व चेहरे पर आई सूजन..........!
देवास। शहर के उज्जैन रोड़ इटावा क्षेत्र के पुष्पकुंज कॉलोनी स्थित मदर्स लेप इंटरनेशनल स्कूल में एक कक्षा पहली में पडऩेे वाले एक बच्चे के साथ प्लास्टिक के पाईप के साथ प्रिंसिपल ने मारपीट की। मारपीट का मामला शनिवार का था लेकिन बच्चे ने अपने घर कुछ नहीं बताया रात को बच्चे को बुखार भी आ गया था। जब रविवार सुबह मां बच्चे को नहाने लेकर गई तो बच्चे के शरीर पर चोट के निशान देखे और जब बच्चे से पूछताछ की गई तो बच्चे ने परिजनों को बताया कि उसके साथ कल स्कूल में प्रिंसिपल ने इसलिए मारपीट की कि उसे 2 का पहाड़ा नहीं आया। परिजनों ने मामले को लेकर स्कूल संचालिका के विरुद्ध सख्त कार्रवाई कि मांग की है।
शहर के इटावा स्थित मदर्स लेब इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल ने पहली कक्षा में पढऩे वाले मासूम बच्चे शैलेंद्र उम्र 7 वर्ष को प्लास्टिक के पाईप से बेरहमी से पीटा। पीडि़त बच्चे के पिता रुप सिंह राजपूत निवासी भीमसी ने बताया कि उनका बेटा पहली कक्षा में पढ़ता है। रविवार सुबह बच्चे की माँ ने उसे उठाया देखा तो उसके पांव सूजे हुए थे। वह डरा हुआ था। चोट के निशान देखकर परिजन सन्न रह गए। शैलेंद्र से परिजनों ने पूछा कि पांव में चोंट कैसे आ गई, तो उसने बताया कि शनिवार को स्कूल में उससे 2 का पहाड़ा (टेबल) पूछा गया।
जब वह सही जवाब नहीं दे पाए, तो प्रिंसिपल शशिकला ठाकुर ने गुस्से में प्लास्टिक के पाईप से मासूम की बर्बरता पूर्वक पिटाई कर दी। परिजन बच्चे को रविवार सुबह जिला चिकित्सालय लेकर आए यहां उसका उपचार जारी है। परिवार ने स्कूल की प्राचार्य के विरुद्ध सख्त कार्रवाई कि मांग की है। परिजनों ने 181 पर भी मामले की शिकायत की है। अभिभावकों ने बताया कि हम इस मामले में पुलिस थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। इस घटना के बाद आस पास के लोगों ने भी मांग की है कि ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इस नियम के तहत हो सकती है कार्रवाई
बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 के तहत किसी भी बच्चे को शारीरिक दंड देना पूर्णत: प्रतिबंधित है। भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के अनुसार, किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने पर एक वर्ष की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। किशोर न्याय अधिनियम (जेजे एक्ट) के तहत बच्चों के साथ हिंसा को गंभीर अपराध माना गया है, जिसके लिए शिक्षक या संस्था पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है।
इनका कहना :
आपके द्वारा मुझे अवगत कराया गया है, शिक्षा अधिकार नियम के अंतर्गत विभागीय कार्रवाई व शाला संचालन के तहत नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। सोमवार को मामले को लेकर टीम भेजकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
अजय मिश्रा, डीपीसी
बच्चा शैलेंद्र कक्षा 1 में अध्ययनरत है, किसी टिचर के द्वारा कोई मारपीट नहीं की है, शायद छुट्टी के समय बच्चों ने आपस में कोई लड़ाई की है। एक चांटा मारने पर भी छोटे बच्चे घर जाकर बोलते है कि टिचर ने मारा है। गलतफहमी से यह सब परेशानी आई है। बच्चे के पालकगण को लगता है कि मेरे द्वारा बच्चे को पीटा गया है तो मैं माफी मांगती हूं। दो वर्ष से बच्चा यहां पड़ रहा है आगे से ध्यान रखेंगे।
शशिकला ठाकुर, स्कूल की प्रिंसिपल




Comments