किसान से तीन फाइलों में काम करने के लिए नायब तहसीलदार ने मांगी थी 15 हजार रुपए रिश्वत.......!
-आर्थिक अन्वेक्षण ब्यूरो की 12 सदस्यी टीम ने नायब तहसीलदार को रिश्वत के साथ रंगे हाथों पकड़ा........!
-जमीन के नामांतरण, नक्शा दुरुस्तीकरण संबंधित तीन फाइलें कई महिनों से रखी थी........!
देवास। तहसील कार्यालय में नायब तहसीलदार को रिश्वत लेते हुए उज्जैन ईओडब्लू (आर्थिक अन्वेक्षण ब्यूरो) की 12 सदस्यी टीम ने शिकायत मिलने पर रंगे हाथों पकड़ा है। नायब तहसीलदार ने आवेदक की तीन फाइलों के निराकरण के लिए रिश्वत मांगी थी, आवेदक ने इसकी शिकायत ईओडब्लू विभाग उज्जैन में की जिस पर शुक्रवार को टीम ने कार्रवाई की है।
जानकारी के अनुसार अपर तहसीलदार हर्षल बहरानी ने फरियादी किसान ताराचंद पटेल निवासी नागोरा से तीन अलग-अलग भूमि मामलों के निराकरण के बदले 15 हजार रुपये की मांग की थी। लगातार दबाव बनाए जाने के बाद शक्रवार को 15 हजार रुपए में मामला तय हुआ, जिसकी शिकायत फरियादी किसान ने 27 अक्टूबर को ईडब्लू उज्जैन से की। टीम ने शिकायत का सत्यापन करने के बाद शुक्रवार को योजना बनाकर तहसील कार्यालय में दबिश दी और रिश्वत लेते ही नायब तहसीलदार को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
तीन फाइलों के एवज में मांगे थे 15 हजार रुपए
फरियादी ताराचंद पटेल ने बताया कि उनके नाम से नामांतरण का प्रकरण करीब 8 माह से लंबित था। पिताजी के नाम से भूमि का इंद्राज सुधरवाने सहित तीन फाइलें दी थी। तीनों फाइलें जिसमें एक 8 माह से, एक 6 माह से, एक 5 माह से उनके पास रखी हुई थी। मुझे नए-नए कानून बताकर काम करने की बात करते रहे। काम करने की एवज में तहसीलदार ने 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। उसके बाद बाद में 15 हजार रुपए पर सहमति बनी थी। तहसीलदार का कहना था कि तीनों फाइलें करा दूंगा। मैंने शुक्रवार को 500-500 रुपए के नोटों के रुप में रिश्वत दी थी। इसकी शिकायत मैंने ईओडब्लू कार्यालय उज्जैन में की 27 अक्टूबर को की थी।
रिश्वत के साथ रंगे हाथों पकड़ा
उज्जैन ईओडब्लू डीएसपी अमित कुमार वट्टी ने बताया कि फरियादी के आवेदन देने के बाद इसका सत्यापन टीआई राम यादव ने किया। सत्यापन के बाद शिकायत सत्य पाई गई। उसके बाद हम यहां आए फरियादी 15 हजार रुपए लेकर तहसीलदार के केबिन में गया जहां टीम ने रंगे हाथों पकड़ा। पहले फरियादी और नायब तहसीलदार के बीच रुपयों को लेकर सौदेबाजी हुई थी। उसके बाद 15 हजार रुपयों में मामला तय हुआ था। इनमें एक फाइल है जो फरियादी के छोटे भाई की पत्नी उनके जमीन के नामांतरण को लेकर थी। दूसरी फाइल में उनके पिताजी के स्थान पर किसी और का नाम चढ़ गया था। तीसरी फाइल नक्शा सुधरवाने संबंधित थी, जिनका निराकरण करना था। तीनों फाइलों को जब्त कर लिया है।


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