राजोदा से कलेक्टर कार्यालय तक किसानों ने निकाली बाइक रैली, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन.......!

-किसानों की मांग : सोयाबीन की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य 5 हजार 328 रुपए प्रति क्विंटल की जाए......! 
-एमएसपी से कम दाम पर खरीदी करने वालों को 5 साल की सजा दी जाए : रविंद्र चौधरी 

देवास। युवा किसान संगठन के नेतृत्व में रविवार को किसानों ने सोयाबीन की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5328 रुपए प्रति क्विंटल पर सुनिश्चित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। जिले के बरोठा तहसील के ग्राम राजोदा से कलेक्टर कार्यालय तक निकली 300 से अधिक बाइकों की किसान रैली में सैकड़ों किसानों ने भाग लिया और अपने अधिकारों की आवाज बुलंद की। कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि किसानों को मंडियों में घोषित एमएसपी का लाभ नहीं मिल रहा है और व्यापारियों की मनमानी के कारण किसान लगातार घाटे में जा रहे हैं।

युवा किसान संगठन अध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य रविंद्र चौधरी ने बताया कि जब सोयाबीन के भाव पिछले 10 वर्षों के न्यूनतम स्तर पर हैं, तो इसका जिम्मेदार कौन है? क्या 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा सिर्फ दिखावा था? जब किसान घाटे में हैं, तो अडानी विमार और पतंजलि फूड जैसी कंपनियां अरबों का मुनाफा कैसे कमा रही हैं? देश में पर्याप्त उत्पादन के बावजूद भारत दुनिया का सबसे बड़ा पाम ऑयल आयातक क्यों है? आखिर कब तक किसानों को ठगा जाएगा और देश विदेशी तेल पर निर्भर रहेगा? उन्होंने कहा कि यह केवल एक जिले का नहीं, बल्कि लाखों किसानों के जीवन और देश की खाद्य सुरक्षा से जुड़ा प्रश्न है। यदि सरकार ने शीघ्र निर्णय नहीं लिया, तो किसान राज्यव्यापी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। रैली में सोहन पटेल, प्रकाश पटेल, मुकेश पटेल (जनपद अध्यक्ष), रमेश (सरपंच) सहित अनेक किसानों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

कम दाम पर खरीदी करने वालों को सजा दी जाए

किसानों की मांगें है कि सोयाबीन की खरीदी एमएसपी पर तत्काल प्रारंभ की जाए। एमएसपी पर खरीदी का कानून बनाया जाए। एमएसपी से कम दाम पर खरीदी करने वालों को कम से कम 5 साल की सजा दी जाए। भावांतर योजना जैसे छलावे बंद किए जाएं। किसानों को मेहनत का पूरा दाम दिलाने की ठोस व्यवस्था बने। भाव गिराने की साजिश पर रोक लगाकर दोषियों पर कार्रवाई हो।

हाथों में आई लव खेती के पोस्टर ले रखे थे

बाइक रैली में आसपास के कई ग्रामीण क्षेत्रों के किसान शामिल थे। किसान अपने हाथों में सोयाबीन की फसल और आई लव खेती के पोस्टर लिए हुए थे। यह रैली जिले के राजोदा से बालोदा, भानगढ़, गुराडिय़ा, बांगरदा, कैलोद, टिगरिया गोगा, भड़ापीपल्या, छापरी, निवानिया, कुमारिया, पार्वतीपुरा, सुकल्या, शिप्रा और लौहारपीपल्या होते हुए देवास पहुंची थी।

नूरा कुश्ती में हम किसानों के प्राण आप क्यों ले रहे हो

युवा किसान संगठन अध्यक्ष रविंद्र चौधरी ने कहा कि हमारा प्रदेश सोयाबीन में सबसे अग्रणी प्रदेश है, पूरी दुनिया में सबसे अच्छी फसल यहां के किसान उगाते हैं। इसके कम दाम को लेकर कई बार हमने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को अवगत कराया लेकिन उनकी ठगी का शिकार हम हो गए, वो मामा बनकर मामा कंस और शकुनी को पीछे छोड़ दिया है। जिसके बाद हम लोग अपने आपको ठगा हुआ, लाचार और असहाय महसूस कर रहे हैं। उसको लेकर हमने आज गांधीजी के सिद्धांतो पर चलते हुए एक बाइक रैली राजोदा से कलेक्टर कार्यालय तक निकाली थी। हमारी मांग तो 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल की है लेकिन सरकार ने कहा कि हम 5328 रुपए में सोयाबीन खरीदेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने भी 6 हजार रुपए देने का वादा गुजरात में किया था, लेकिन सरकार ने कोई सूद नहीं ली। जब 5328 रुपए की बात हुई तो देश के कृषि मंत्री को निश्चित रुप से पता होगा, लेकिन शिवराज सिंह चौहान ने भी यू टर्न ले लिया। जब उनको किसानों ने संज्ञान दिलाया तो उन्होनें कहा कि हमार पास प्रपोजल भेजो, तब हम सोयाबीन की खरीदी करेंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से चर्चा हुई तो उन्होनें कहा कि हम इसमें भावांतर योजना लगाएंगे। जबकि वर्ष 2018 में सोयाबीन की फसल के लिए लागू भावांतर योजना का पैसा आज तक किसानों को नहीं मिला। चौधरी ने कहा कि प्रदेश के मुखिया मोहन यादव और शिवराज सिंह चौहान की नूरा कुश्ती में हम किसानों के प्राण आप क्यों ले रहे हो। आज सरकार कह रही है कि 3 अक्टूबर से पंजीयन शुरु होगा और नवंबर में हमारी सोयाबीन खरीदी जाएगी। 15 दिनों के बाद दिपावली का त्यौहार है। चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि निश्चित रुप से बाबा रामदेव और अडानी की तेल की कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी बुलाइ अब तक शुरु नहीं की। आज की तारिख में किसानों की उपज को 2 हजार 500 और 3 हजार रुपए प्रति क्विंटल में व्यापारी खरीद रहे हैं। हम मांग करते हैं कि इसके लिए कठोर कानून बनाया जाए जो भी 5328 से कम की बोली लगाएगा उसे 5 वर्ष की सजा और 5 लाख रुपए जुर्माना होगा। 

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