जु-जुत्सु खिलाड़ी व मार्शल आर्ट कोच रोहिणी ने फांसी लगाकर की आत्महत्या........!

-2007 में अपने खेल जीवन की शुरुआत की थी, एशियाई जुजुत्सु चैंपियनशिप में जीता था कांस्य.......! 
-एक दिन पहले ही आष्टा से घर लौटी थी, आष्टा के निजी स्कूल में मार्शल आर्ट कोच के पद पर थी.......!

देवास। अंतरराष्ट्रीय जु-जत्सु खिलाड़ी और मार्शल आर्ट कोच रोहिणी कलम उम्र 35 वर्ष निवासी अर्जुन नगर राधागंज ने फांसी लगाकर अज्ञात कारणों से आत्महत्या कर ली। मामले को लेकर बीएनपी थाना पुलिस ने घर पहुंचकर जांच की है, मृतिका का मोबाइल पुलिस ने जब्त कर लिया व आगे जांच की जा रही है। 

जानकारी के अनुसार एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली देवास की जुजुत्सु (जापानी मार्शल आर्ट) खिलाड़ी रोहिणी को छोटी बहन रोशनी कलम ने कमरे में शव फंदे पर लटका देखा। इसके बाद उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया गया है कि रोहिणी वर्तमान में आष्टा के एक निजी स्कूल में मार्शल आर्ट कोच के पद पर कार्यरत थी। शनिवार को ही देवास स्थित अपने घर आई थी। बीएनपी थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। पुलिस ने बताया कि घटना स्थल का मुआयना किया था, मृतिका का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है। किसका फोन आया था, इसकी जांच की जा रही है। आत्महत्या करने से परिजन सदमे में हैं और उनका रो-रोककर बुरा हाल है।

रोहिणी की इस प्रकार रही उपलब्धियां 

रोहिणी कलम ने 2007 में अपने खेल जीवन की शुरुआत की थी। 2015 से पेशेवर रुप से जु-जत्सु में भाग ले रही हैं। वह जु-जुत्सु संघ की महासचिव भी रही थी। हांगझोऊ में हुए 19 वें एशियाई खेलों भारत का प्रतिनिधित्व किया था। विश्व खेल में बर्मिंघम में आयोजित विश्व खेलों के चुनी जाने वाली एक मात्र भारतीय खिलाड़ी थी। एशियाई जुजुत्सु चैंपियनशीप टूर्नामेंट में भारत के लिए कई पदक जीते हैं। थाईलेंड ओपन गैं्रड प्रिक्स 2022 बैंकाक में आयोजित टूर्नामेंट में 48 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया था। पिछले वर्ष अबू धाबी में आयोजित युगल क्लासिक स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। सऊदी अरब में हुए कॉम्बेट गेम्स के लिए क्वालीफाई किया था।

सुबह फोन आया और कमरे में चली गई 

मृतिका सहित परिवार में चार बहने और एक भाई है, रोहिणी सबसे बड़ी बहन थी। उनकी छोटी बहन रोशनी ने बताया कि उनकी मां, छोटी बहन और भाई एक दिन पूर्व ही खाटूशाम मंदिर दर्शन करने के लिए गई थी। पिता एक और बहन के साथ बाहर गए हुए थे। उन्होंने बताया कि आष्टा स्थित स्कूल के प्रिंसिपल की ओर से उन्हें काफी परेशान किया जा रहा था। रविवार सुबह उन्होनें सामान्य रुप से नाश्ता किया, उसके बाद वह कपड़े धो रही थी, अचानक कोई फोन आया उसके बाद वह कमरे में गई और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। मैंने दरवाजा काफी देर तक बजाया उसके बाद खिडक़ी का कांच तोडक़र अंदर देखा तो वह फंदे पर लटकी हुई थी। उनके पास किसी प्रकार का कोई सोसाइट नोट नहीं मिला था।


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