माता टेकरी पर खुली दान पेटियां, सिंगापुर, नेपाल, स्वीजरलेंड, थाईलेंड, दक्षिण कोरिया, सउदी अरब की मुद्राएं मिली.......!

-दान-पेटी में मन्नत के पत्रों के बीच निकला जनप्रतिनिधियों को सद्बुद्धि देने का पत्र.......!
-24 दान पेटियों से मिले 43 लाख रुपए, ऑनलाईन से 5 लाख 40 हजार, रसीद कट्टे से 3 लाख 61 हजार कुल राशि 52 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई.......!

देवास। शारदीय नवरात्रि पर्व के बाद शनिवार को माता टेकरी स्थित दोनों माता मंदिरों की कुल 24 दानपेटियां खोली गईं। इन दानपेटियों में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाई गई दान राशि की गिनती की गई। गिनती के कार्य में राजस्व विभाग और पुलिस विभाग के 100 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए थे। 

प्रारंभिक गिनती में दानपेटियों से चांदी के आभूषणों के साथ बड़ी संख्या में भारतीय मुद्रा प्राप्त हुई है। इस बार भी दानपेटियों में विदेशी मुद्रा मिली है, जिसमें सिंगापुर, नेपाल और सऊदी अरब, थाईलेंड, दक्षिण कोरिया के नोट शामिल हैं। दानपेटियों में मन्नत की कई पर्चियां भी मिली हैं। श्रद्धालु अपनी आस्था के अनुसार दानपेटियों में दान देते हैं, लेकिन कुछ भक्त अपनी मनोकामनाओं को लेकर माता को पत्र भी लिखते हैं। राजस्व अमले को ऐसे ही कुछ पत्र मिले हैं, जिनमें भक्तों ने मां से अपनी इच्छाएं पूरी करने की प्रार्थना की है। एक महिला श्रद्धालु का पत्र मिला जिसमें लिखा था कि अगले साल अधिकारी बनकर आऊंगी। देर शाम तक 24 दान पेटियों की गणना पूरी होने के बाद कुल राशि 52 लाख 92 हजार 862 रुपए व विदेशी मुद्राएं प्राप्त हुई है।

माँ शहर के जनप्रतिनिधियों को सद्बुद्धि दें

दान पेटी से निकले कई पत्र ऐसे थे जिनमें नौकरी तो कहीं पर्यावरण को सुधारने की गुहार माताजी से श्रद्धालुओं ने लगाई थी। इन्हीं पत्रों में एक ऐसा पत्र भी था जो सूर्खियों में रहा। एक अज्ञात श्रद्धालु ने माँ के दरबार में प्रार्थना की माँ तेरे शहर के सांसद, विधायक, महापौर और जिम्मेदार अधिकारी सबको थोड़ी सद्बुद्धि दे ताकि तेरे सुंदर शहर की सुंदरता वापस लौट सके। भक्त का यह पत्र पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया। लोग कह रहे हैं कि यह तो देवास की जनता की सामूहिक वेदना है जिसे अब शब्द मिले हैं। पत्र को पढऩे के बाद लगता है कि भक्त की याचिका उस समय आई थी जब फ्लेक्स और अतिक्रमण का मुद्दा देवास के चौराहे से लेकर गलियों में गूंज रहा था। लोगों का कहना है कि जब जनता की कोई सुनने वाला नहीं तो अंत में मां के दरबार में ही आवेदन लगाना होगा। इस प्रकार का पत्र दान-पेटी से निकलने के बाद लोगों का कहना है कि अगर नेता नहीं सुधरे तो शायद अब माँ ही प्रशासन की बैठक लेंगी।

इस प्रकार के मिले दान-पेटी ये श्रद्धालुओं के पत्र 

दान-पेटी में इस बार पर्यायवरण को लेकर चिंतित एक श्रद्धालु ने पत्र लिखकर माता से गुहार लगाई की मां प्रकृति को इस प्रकृति पर्यायवरण को प्लास्टिक से मुक्त कर प्लास्टिक पॉलिथीन कचरा नहीं है, प्लास्टिक और पॉलिथीन को खरीदना शुरु कर दे तो ये कचरा प्रकृति से लगभग खत्म हो जाएगा। एक श्रद्धालु ने अपनी मन्नत में लिखा कि मुझे वर्ष 2025 के अंत तक सरकारी व गैर सरकारी विभाग में किसी अच्छे पद पर कार्य करने का सौभाग्य प्रापत हो। मुझे सफल बनाने में मेरी मदद करें, ताकि मैं भी आपकी सेवा में प्रशासनिक सेवा दे सकूं। एक श्रद्धालु ने पुलिस की नौकरी में पास होने की पत्र के माध्यम से गुहार लगाई। एक युवती ने अंग्रेजी में पत्र माताजी के नाम लिखा कि मैं अपनी शादी से पहले करोड़पति बनूंगी, मैं इसके लिए दिन-रात मेहनत करुंगी। एक श्रद्धालु ने नौकरी के लिए गुहार लगाई। एक श्रद्धालु ने शादी के लिए गुहार लगाते हुए लिखा कि अबकी बार शादी करा दो। एक श्रद्धालु ने माता-पिता को ठीक रखने की बात लिखी साथ ही लिखा कि मेरे परिवार के सिर पर एक पक्की छत बनवा दिजिए। 

24 दान पेटियों में मिले 43 लाख रुपए 

तहसीलदार सपना शर्मा ने बताया कि माँ तुलजा व चामुण्डा माता मंदिर की कुल 24 दान पेटियों को आज खोलकर उनकी गणना कि गई थी। गणना करने के लिए पटवारी, कोटवार, मंदिर के कर्मचारी, तहसीलदार थे। इसमें कुल राशि नोट और सिक्के मिलाकर 43 लाख रुपए व ऑनलाईन के माध्यम से 5 लाख 40 हजार रुपए और रसीद कट्टे की राशि 3 लाख 61 हजार रुपए आई है। इस प्रकार कुल राशि 52 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई है। इसके अलावा आभूषण भी मिले हैं, जिसमें चांदी के छत्र, पायल, बिछिया, मंगलसूत्र सहित अन्य आभूषण मिले हैं। विदेशी मुद्राएं मिली है, विदेशी मुद्राओं में सिंगापुर, नेपाल, स्वीजरलेंड, थाईलेंड, दक्षिण कोरिया और सउदी अरब की मुद्राएं मिली है। विदेशी मुद्राओं को बैंक में जमा करा दी गई है। इसके साथ ही पत्र भी मिले हैं। जिसमें शहर को अतिक्रमण को मुक्त करने के लिए भी पत्र मिले हैं। 


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