मधुर स्वीट्स नाम बड़े और दर्शन खोटे......वाटर फिल्टर में मिले कीड़े........!
-रेस्टोरेंट संचालक की लापरवाही के कारण आम लोगों की सेहत पर मंडराया खतरा........!
-नगर निगम स्वास्थ्य निरीक्षक ने कहा : स्वास्थ्य अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.......!
देवास। शहर में मशहूर मधुर स्वीट्स प्रतिष्ठान पर बड़ी लापरवाही सामने आई है यहां दुकान में उपयोग की जा रही वाटर फिल्टर (पानी की टंकी) में कीड़े पाए गए हैं। बताया गया है कि इस पानी का उपयोग न सिर्फ दुकान के कामकाज में किया जा रहा था, बल्कि यहां आने वाले ग्राहकों को भी इसी पानी से बनी मिठाइयां व अन्य खाद्य सामग्री परोसी जा रही थी। आज दोपहर में मीडिया साथियों ने इस घोर लापरवाही को देखा और खाद्य अधिकारी को सूचना दी लेकिन उन्होनें यह कहकर टाल दिया कि वह बाहर हैं। हांलाकि कुछ लोग वहां इसी टंकी का पानी पी रहे थे उन्हें मीडिया साथियों ने रोका। जब इस संबंध में दुकान संचालक से चर्चा करनी चाही तो कैमरा देख नजर चुराते हुए आए। कहा जाए तो मधुर स्वीट्स का नाम बड़ा और दर्शन खोटे दिखाई देने लगे हैं।
शहर में अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए होटल व रेस्टोरेंट संचालक ग्राहकों को लुभाने के लिए छोटी सी कसर नहीं छोड़ते हैं। इन्हीं होटलों पर पीने के लिए पानी विशुद्ध मिलता है, ऐसा देखने को आज उज्जैन रोड़ स्थित मधुर स्वीट्स नामक रेस्टोरेंट पर मिला। यहां पर लगे वाटर फिल्टर में कीड़े मिले, यहां आ रहे ग्राहक नाश्ता करने के बाद उसी का पानी पी रहे थे। जब हमारे मीडिया साथी ने वाटर फिल्टर का ऊपर से ढक्कन खोलकर देखा तो उसमें जीवित कीड़े दिखाई दिए।
इस संबंध में रेस्टोरेंट संचालक से चर्चा करनी चाही तो वह हाथ जोडक़र मीडिया के सवालों से बचते नजर आए। रेस्टोरेंट संचालक ने इस मामले के बाद कर्मचारी से वाटर फिल्टर का पानी खाली करवाया, और उसमें लगी नल की टोटी को भी तोड़ दिया। इस मामले को लेकर खाद्य अधिकारी सुरेंद्र ठाकुर से फोन पर चर्चा की तो उन्होनें बाहर हैं कहकर फोन काट दिया। इस मामले के बाद अब यह लगने लगा है कि वहां लोगोंं को परोसी जा रही खाद्य सामाग्री में भी कहीं ना कहीं गोलमाल है।
स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं
मधुर स्वीट्स में रोजाना सैकड़ों लोग आते हैं और पानी सहित अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं। ऐसे में वाटर फिल्टर में कीड़े मिलना गंभीर स्वास्थ्य खतरे का संकेत है। दूषित पानी का उपयोग होने से संक्रमण, पेट संबंधी बीमारियां और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। गौरतलब है कि साफ-सफाई और शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना हर प्रतिष्ठान की प्राथमिक जिम्मेदारी होती है, लेकिन इस तरह की लापरवाही लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने के समान है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले पर कब और कैसी कार्रवाई करता है।
स्वास्थ्य अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी
नगर निगम स्वास्थ्य निरीक्षक हरेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि हमें सूचना मिली है कि मधुर स्वीट्स पर लगे पीने योग्य वाटर फिल्टर में अशुद्ध पानी मिला हैं, एंटी लार्वा अधिनियम, मलेरिया अधिनियम 1919, सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी इसके लिए सूचना पत्र जारी किया जा रहा है। जहां भी होटलें या रेस्टोरेंट है वहां पर उनके संचालक की जिम्मेदारी है कि पानी को शुद्ध पिलाया जाए। दो-तीन दिनों में पानी दूषित हो जाता है ऐसी हालत में पानी को बदलना जरुरी है।
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